फतेहपुर/संवाददाता,/
फतेहपुर के जिला स्वास्थ्य प्रशासन का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कि विभाग के ही पोस्टमार्टम हाउस के राजू धानुक का अंन्दाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि एक अगले से एक अपने निचले से पायदान के सफाई कर्मचारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही न होना भी बडा़ सवालियां निशान खडे़ कर रहा है।
फतेहपुर मे पोस्टमार्टम हाउस के राजू धानुक के अनगिनत राज परत दर परत खुलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग मे हडकम्प तो जरूर मचा मचा हुआ था और जाँच भी चल रहीं है। लेकिन इस जांच के शिथिलता के चलते राजू शेखी बघार रहा है वही वायरल बीडयो के मुताबिक नोटों का गिनना जग जाहिर कर रहा है कि किस तरह से रिश्वतखोरी की जा रही है पोस्टमार्टम हाउस मे,वही एक और वीडियो सामने आने से खुद ब खुद स्वास्थ्य विभाग की कलई राजू धानुक स्वीपर ने एक बीडयों मे खोल दी है। फतेहपुर के इतिहास मे ऐसा पहली बार हुआ है कि पोस्टमार्टम कि रिपोर्ट में हेर-फेर और पैसें लेन-देन की बाते हो रही है। वहीं राजू धानुक बात करते हुये कह भी रहा है जरिये मोबाईल की हमने डाक्टर से कहकर रिपोर्ट लिखवा दी है आपका काम भी हो गया है और अब आपको पैसे भी चाहिए, आदमी गलत काम के ही तो पैसे देता है वही सूत्रो के जरिये पता चल रहा है कि अब एक नयाब तरीकें से रिश्वतखोरी करने के अन्दाज से अन्जाम राजू धानुक अब कफन के टुकडों पर लपेट कर पैसे लेने लगा था क्यों आधुनिक युग मे हर हाथ मे मोबाइल होता है तो हर कोई वीडियो बना सकता है।
अब कफन बना पैसे लेने का सहारा ऐसी कोई जगह नहीं बच रही जहां बचने के लिए माथा न टेक रहा हो।
फतेहपुर चीरघर रिश्वतखोरी का यह कोई पहला और नया मामला नही है। इसके पहले के और भी मामले है। जो आप सब चौक रहे है। इसका असली मुख्य नायक राजू धानुक ही है जो अपनी कुण्डली जमाए बैठा है। जिला मुख्यचिकित्सा अधिकारी कोई भी आये राजू धानुक का ही राज चलता है। इसी वायरल वीडियो के मामलें मे मुख्य चिकित्साधिकारी ने वीडियो को संज्ञान मे लेने के बाद टीम गठित कर जाँच बैठा दी है। हर बार इस तरह की जाँच सिर्फ कागजों मे सिमटने के कारण ही राजू धानुक पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे रिश्वतखोरी कर खेल जमकर खेला,इसी के चलतें इसमें जमकर मलाई खाई और अपनी अधिकतर सर्विश फतेहपुर के चीरघर मे ही की। इस रिश्वतखोरी मे एक स्वीपर की अकेलें हिम्मत नही हो सकती है इसका पूरा पैनल इस रिश्वतखोरी मे शामिल हो सकता है। वैसे तो डिप्टी सीएमो डा० इश्त्याक अहमद ही जाँच टीम के मुख्य जाँच अधिकारी है जो राजू धानुक के बहुत ही नजदीकी और खास बतायें जा रहें है तभी तो आडियों मे बाबू जी का नाम ले रहा है। इस राजू धानुक का कोई आज ही नया कारनामा नही है इसे पूर्व मे रहे जिला चिकित्साधिकारी
डा० उमाकांत पाण्डेय ने इसी रिश्वतखोरी के चलते पोस्टमार्टम हाउस से हटा दिया था उनके जाने के बाद पुन: फिर जुगाढ लगाकर पोस्टमार्टम हाउस मे तैनाती करवा ली। इसकी शिकायतें ज्यादा और सीधे रिश्वतखोरी करने को नही मिलने लगी थी तो इसने अपना पैतरा ही बदल दिया था।कहते है पाप का घडा एक दिन जरूर फूटता है। तभी रिश्वतखोरी की बात और रिपोर्ट मे छेडछाड का वीडियो कैमरें मे कैद हो गया। जिससे रिश्वतखोर राजू के हाथपैर फूले हुयें है और बचत की जुगत लगायें घूम रहा है।।
सेवायें भिटौरा से पोस्टमार्टम हाऊस फतेहपुर में ही की हैं।इसके अलावा फतेहपुर में इस राजू धानुक स्वीपर का किसी भी सक्षम अधिकारी ने इतनी रिश्वतखोरी की शिकायतें होने के बाद भी न तो किसी ने इसका किसी दूसरे जगह स्थानांतरण करने की जहमत उठाई और न ही जाँच की कार्यवाही के दायरें मे लाया गया।
जानकार सूत्रों के मुताबिक नवब्याहता, दहेज, हत्या को आत्म हत्या के मामलों मे जमकर मलाई काटी है। ऐसे संगीन मामलों के रिपोर्ट पर हेरफेर करना एक बडें संगीन अपराध की श्रेणी मे आता है। किसी भी शव के इस प्रकार की रिपोर्ट अपराधियों को सलाखों के पीछें पहुचानें के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही मुख्य आधार बनता है।
राजू धानुक का यहाँ बडा राज स्वतः बयान गले की हड्डी बना हुआ है।
सूत्रों के हवालें से खबर आ रही है कि राजू धानुक को बडें साहब का आश्वासन और आशीर्वाद प्राप्त हो गया है कि कुछ भी नही होगा।
वही एक विभागीय कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसी रिश्वतखोरी का हिस्सा कुछ साहबान लोगों को भी चढावा चढाया जाता है तभी तो इतनी बडी़ खबर इस प्रमाण सहित ईतने बडे आरोप के बावजूद एक अगले से सफाई कर्मचारी को वहाँ से न तो हटाया गया और वहीं मजे से सेवाये दे रहा है। तो कैसे जांच हो पायेगी, जांच तो इसके रहतें गुलाबी बापू के आगें प्रभावित होगी नियमानुसार इसको वहा से हटाकर जांच करानी चाहिए।।तभी इस रिश्वतखोरी को भिटौरा और पोस्टमार्टम हाउस मे तैनाती मिलती रहीं और सारे राजू के राज कफन मे दफन होतें रहे।
आखिर किसकी वजह से हरदम इस रिश्वतखोर को अभयदान मिलता रहा है। जिसकों हरदम पोस्टमार्टम हाउस मे ही तैनाती घूम घूम कर मिलती रहीं। आखिर ऐसी कौन सी इसकी जागीर थी जो इसको पोस्टमार्टम हाउस मे ही तैनाती मिलती रहीं।एक वायरल बीडयो मे पोस्टमार्टम हाउस के डाँक्टर से लेकर अन्य स्टाफ आते जाते दिख रहें है और राजू धानुक रिश्वतखोरी कर पैसे गिनते हुये कैमरें मे कैद हो गया, जो पोस्टमार्टम हाउस का बताया जा रहा है। इस मलाई मे यहाँ के स्टाप सहित अन्य लोग भी शामिल है।
वही पत्रकार को फोन कर बोला कि हा सर नमास्ते मै राजू पोस्टमार्टम वाले बोल रहा हूँ,अरे सर गलती हो गई। हम क्षमा चाहते है आपसे क्या बताये। वही बाबू जी हमसे बिगड रहे थे।आखिर इसके पीछे कौन बाबू जी है जो इसको बिगड रहे थे। हम तो ऐसा लेनदेन करते नही अपने मुह से रिश्वतखोरी की बात भी करता है और अब सफाई भी दे रहा है।
कहते है रिश्वत एक ऐसी चीज है जो नजायत को जायज और जायज को नजायज मे बदलने से लेकर हर काम के पैसे राजू धानुक के सहारे से लिए जाते है। फतेहपुर जनपद का आधुनिक चीरघर हमेशा से अपनी सुर्खियों मे बना रहा है। आरोप-प्रत्यारोप हरदम लगते और शोसल मीडिया मे वीडियो हरदम वायरल होते रहे है। इसके बावजूद भी आखिर चलता है तो “राजू का राज आज भी” कुछ भी हो सब कुछ बदल सकता है लेकिन फतेहपुर के स्वीपर स्वास्थ्य विभाग का कुछ भी नही हो सकता है। राजू का फतेहपुर चीरघर से तबादला नहीं हो सकता इस बात का राजू धानुक दम्भ भी भरता है और यदि शिकायतों के बाद तबादला भी हुआ तो साल छः महीने के अन्दर फिर घूम फिर कर फतेहपुर आधुनिक चीरघर आ जाना है।आखिर कहतें है न कि एक बार शेर के मुह मे खून लग जाये तो फिर ताजा शिकार ही पसन्द आता है। तो यह स्वीपर की हर दिन एक नई नई कहानी अक्सर सुनने को दूसरे के मुँह से मिलती थी अब आप राजू धानुक के मुह से ही खुद वायरल वीडियो से सुन लीजिए। यहाँ हरदम राजू सफाई कर्मी भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे बडें बडें खेल करता है। वायरल वीडियो से राजू धानुक के चेहरें से हवाईयां उडी हुई है। इसका पूरा पैनल रिश्वतखोरी जुगाड़ पर टिका है-जरा वीडियो मे गौर से देखिये असली देशभक्ति का परिचय देते हुये गले मे स्वास्थ्य विभाग का फीता डाले हुये और कपडे की शर्ट पर तिंरगा झण्डे का लोगों लगाकर किस तरह की रिश्वतखोरी की बात कर रहा है।मानों अपनी रिश्वतखोरी की आजादी का जश्न मना रहा है। यह वीडियो 16 अगास्त को एक रिपोर्टर के कैमरें मे एक्सक्लुसिव कैद हो गया। जहा पर फतेहपुर जीटी रोड स्थिति एक रिनाल्ट कार शोरूम के बगल मे वाहनों के स्टीकर नम्बर प्लेट की दुकान पर फोन पर पैसै लेनदेन की बात करते हुये का है।
आप खुद “राजू की जुबानी पोस्टमार्टम हाउस (चीरघर) की रिश्वत भरी कहानी” सुन सकते है। जरा गौर से सुनिये डाँ साहब से काम हुआ है इँन्जरी लिख दियें है, वकील साहब से बात करा रहे हो, विधायक जी से बात करा रहें हो इसका मतलब है पैसे चाहिए जो थे साहब काम करवा लेतें, फतेहपुर के आधुनिक चीरघर में प्रभारी डाक्टर भी इस भष्ट ब्यावस्था मे सहयोग करने का नाम राजू सफाईकर्मी नाम वकील साहब और तीमारदार से बात करते हुये जरिये मोबाईल कैमरे मे कैद हो गया। यह हम नही राजू धानुक स्वीपर खुद ही बोल रहा है। बात करते हुये कह रहा है कि मानो कुल मिलाकर आपको पैसे चाहिए काम हुआ य नही हुआ आपको पैसे चाहियें इसलिए आप दुनिया की शिफारिश करवा रहे हो। मतलब साफ है कि इसने पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे खेल तो करवा दिया है जो राजू धानुख बोल रहा है कि इंन्जरी (चोट के निशान) लिखवा दिये है। राजू धानुक कहता है फर्जी काम के ही तो आदमी पैसा देता है। कि बिना काम के दे देता है।
कह रहा है कि आप आईये इनको लेकर हम डाक्टर साहब के कहकर इसको खत्म करवाते है।
इसके पहले भी कैद हुआ है। अब रिपोर्ट बदलने के नाम पर खुद ही कैमरें पर कैद हो गया। आखिर ये किसके इशारे पर और किस किस को इसका हिस्सा जाता है क्या ऐसी ही मानवता की मरती हुई दर्दनाक तस्वीरे नजर आती रहेगी। मतलब साफ है कि इस तरह से चीरघर हाऊस की रिपोर्ट को गुमराह करने के लिए वकील भी धारायें घटानें बढानें और न्याय को अन्याय कराने मे कोर्ट और इन्साफ के मन्दिर की गरिमा कों भी गुमराह और बदनाम करने की कोई कोर कसर नही छोड रहे है। जहाँ से पीडितों को अन्तिम न्याय की उम्मीद रहती है मुझे न्यायालय से न्याय जरूर मिलेगा।
रिश्वतखोरी हरदम होती रही पोस्टमार्टम हाउस मे और आज तक एक भी रिश्वतखोरी का वीडियो पोस्टमार्टम हाउस के कैमरों मे कैद क्यों न हुआ। कैमरे सिर्फ महज दिखावा व सफेद हाथी साबित हो रहे है। विभागीय कैमरें महज दिखावा ही नजर आते है।
आपकों बता दें कि इसी रिश्वतखोरी के चलतें आधुनिक चीरघर के फार्मासिस्ट दिलीप सिंह का बटवारें, रिश्वतखोरी अथवा मना करने के चलतें ही भाडें के हत्यारों से हत्या करवानें के आरोप भी लगे थें। आखिर इस रिश्वतखोर सफाईकर्मी के ऊपर कार्यवाही के लिए क्या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ बधें हुयें है।आखिर जनपद के उच्चाधिकारियों मे मौन की स्थित क्यो बनी हुईं है।
वायरल वीडियो को भी झुठलाया जा सकता है।